राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना की हकीकत, 20 लाख नए नाम जोडे़, न आवंटन बढ़ा, न कोई लेने आ रहा गेहूं
Food Security Scheme Reality : खाद्य विभाग के आला अफसर खाद्य सुरक्षा योजना में 20 लाख नए नाम जोड़ने का दावा कर रहे हैं। वहीं अफसरों के इस दावे की जमीनी हकीकत में जमीन-आसमान का अंतर सामने आ रहा है। जानें पूरा मामला।
Food Security Scheme Reality : खाद्य विभाग के आला अफसर खाद्य सुरक्षा योजना में 20 लाख नए नाम जोड़ने का दावा कर रहे हैं। वहीं अफसरों के इस दावे की जमीनी हकीकत में जमीन-आसमान का अंतर सामने आ रहा है। जितने नाम जोड़ने का दावा किया जा रहा है, उस हिसाब से केंद्र ने गेहूं का राज्य का कोटा नहीं बढ़ाया है। प्रदेशभर में राशन की दुकानों पर नए लाभार्थी भी गेहूं लेने नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में अब विभाग के अफसरों में भी दबी जुबां से चर्चा हो रही है कि कहीं कागजों में ही नए नाम जोड़ कर वाहवाही तो नहीं लूटी जा रही।
पहले जितना ही मिल रहा गेहूं
राशन डीलर्स ने बताया कि 20 लाख नाम जोड़ने की सूचनाएं लगातार आ रही हैं। हर महीने उतना ही गेहूं मिल रहा है, जितना पहले के महीनों में मिलता था। हम भी यही सोच रहे थे कि नए नाम जुड़ गए हैं तो गेहूं की मात्रा भी बढे़गी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वन नेशन-वन राशन कार्ड भी समस्या
गेहूं वितरण की जमीनी हकीकत जानने के दौरान वन नेशन-वन राशन कार्ड व्यवस्था के तहत दुकानों पर लाभार्थियों के लिए गेहूं का टोटा हो रहा है। ग्रामीण इलाकों के लाभार्थी और दूसरे राज्यों के लाभार्थी गेहूं लेने आते हैं। इन्हें गेहूं देने के बाद दुकान पर पंजीकृत लाभार्थियों के लिए गेहूं बचता ही नहीं है।
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